Jo Nahi Ho Sake Purn Kaam Mai Unko Krta Hu Pranaam, Nagaarjun Kavita Sangrah

June 11, 2019 naagaarjun 0

उनको प्रणाम (नागार्जुन/कविता संग्रह) जो नहीं हो सके पूर्ण–काम मैं उनको करता हूँ प्रणाम । कुछ कंठित औ’ कुछ लक्ष्य–भ्रष्ट जिनके अभिमंत्रित तीर हुए; रण […]

Sach Na Bolna , Kavi Nagaarjun Hindi Kavita Sangrah, poems

May 23, 2019 naagaarjun 0

सच न बोलना(कवी नागार्जुन /कविता संग्रह) मलाबार के खेतिहरों को अन्न चाहिए खाने को, डंडपाणि को लठ्ठ चाहिए बिगड़ी बात बनाने को! जंगल में जाकर […]

Aaye Din Bahaar Ke, Hindi Kavita Sangrah

May 22, 2019 naagaarjun 0

आए दिन बहार के (कवि नागार्जुन/कविता संग्रह) ‘स्वेत-स्याम-रतनार’ अँखिया निहार के सिण्डकेटी प्रभुओं की पग-धूर झार के लौटे हैं दिल्ली से कल टिकट मार के […]

Saty Ko Lakwaa Maar Gya Nagaarjun Kavita Sangrah, Kavita

May 16, 2019 naagaarjun 0

सत्य को लकवा मार गया है(सत्य/नागार्जुन कविता संग्रह) सत्य को लकवा मार गया है वह लंबे काठ की तरह पड़ा रहता है सारा दिन, सारी […]

Mor Na Hoga …Ulloo Honge, Ek Vyaangayaatmak Kavita / Naagaarjun

May 9, 2019 naagaarjun 0

मोर ना होगा……. उल्लू होंगे, एक व्यांगयात्मक कविता ख़ूब तनी हो, ख़ूब अड़ी हो, ख़ूब लड़ी हो प्रजातंत्र को कौन पूछता, तुम्हीं बड़ी हो डर […]